Motivational Shayari – मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी
1)
मज़हब, दौलत, ज़ात, घराना, सरहद, ग़ैरत, खुद्दारी,
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए.
एक मुहब्बत की चादर को, कितने चूहे कुतर गए.
2)
मेरी हिम्मत को परखने की गुस्ताखी न हो,
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हु .
पहले भी कई तूफानों का रुख मोड़ चुका हु .
3)
नये कमरों में ये चीज़ें पुरानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है
4)
सूरज नहीं डूबा ज़रा सी शाम होने दो”मैं खुद लौट जाउंगा मुझे नाकाम होने दो”
मुझे बदनाम करने का बहाना ढूँढ़ते हो क्यों
मैं खुद हो जाऊंगा बदनाम पहले नाम होने
दो..
5)
यहाँ हर किसी को, दरारों में झाकने की आदत है,
दरवाजे खोल दो, कोई पूछने भी नहीं आएगा!!