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Gila Shikwa Shayari in Hindi

दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे!
यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे!
वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का!
और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे!

मोहब्बत नहीं है कोई किताबों की बाते!
समझोगे जब रो कर कुछ काटोगे रातें!
जो चोरी हो गया तो पता चला दिल था हमारा!
करते थे हम भी कभी किताबों की बाते!

इस कदर हम यार को मनाने निकले!
उसकी चाहत के हम दिवाने निकले!
जब भी उसे दिल का हाल बताना चाहा!
उसके होठों से वक़्त न होने के बहाने निकले!

एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है!
इंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों है!
उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद!
फिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है!

तरसते थे जो मिलने को हमसे कभी!
आज वो क्यों मेरे साए से कतराते हैं!
हम भी वही हैं दिल भी वही है!
न जाने क्यों लोग बदल जाते हैं!

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